वर्तमान में शिक्षा की समस्याएं:
- वर्तमान में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा के लिए स्कूलों की संख्या पर्याप्त है, हालांकि सरकारी स्कूलों की संख्या कुछ कम है। किन्तु मुख्य समस्या यह है कि प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक की सरकारी शिक्षा गुणवत्तापूर्ण नहीं है और प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा महंगी होने के कारण आम जनता की पहुंच में नहीं है।
- सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्तापूर्ण न होने का कारण शिक्षकों की अयोग्यता नहीं है। इसका मुख्य कारण है शिक्षकों की कमी। सरकारें RTE के अनुसार 30 छात्रों पर एक शिक्षक का अनुपात देखती हैं। यह ठीक है किन्तु कक्षाओं की संख्या और विषयों की विविधता भी देखी जानी चाहिए। एक प्राथमिक विद्यालय में यदि 30 ही बच्चे हैं किन्तु वह पांच कक्षाएं हैं, तो उन्हें एक शिक्षक नहीं पढ़ा सकता। इसी तरह, एक माध्यमिक विद्यालय में 30 ही छात्र हैं, तो भी एक ही शिक्षक सभी विषय नहीं पढ़ा सकता है।
- शिक्षकों की कमी के अलावा, शिक्षण कक्षों की कमी, शिक्षण सहायक सामग्री की कमी, शिक्षकों की लापरवाही और उच्चाधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार, आदि अन्य कारण हैं।
- उच्च शिक्षा में सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की शिक्षा निजी काॅलेजों और विश्वविद्यालयों की तुलना में अच्छी है किन्तु इनकी कमी है। कृषि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की तो नितान्त कमी है।
- शिक्षा का देश की मांग और आपूर्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है। उदाहरण के लिए, उ. प्र. में बीटीसी, जो कि प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग है, की 241000 से अधिक सीटें हैं, जबकि उ.प्र. में प्रतिवर्ष इतने प्राथमिक शिक्षकों की आवश्यकता प्राइवेट सहित सभी स्कूलों में नहीं है, सरकारी स्कूलों की तो छोड़ ही दीजिए। बी.एड. की लगभग 223000 सीटें हैं सीटें हैं, जबकि माध्यमिक स्कूलों में इतने शिक्षकों की आवश्यकता नहीं है।
- इसके अतिरिक्त, शिक्षा का की नीतियों का निर्माण और उनका संचालन शिक्षा में अनुभव न रखने वाले सचिवों द्वारा किया जाता है। साथ ही, शिक्षा का बजट कम है|
सम्यक पार्टी का एजेंडा: - सम्यक पार्टी एक प्राथमिक स्कूल में 6 शिक्षकों की भर्ती करेगी, ताकि सभी पांचों कक्षाओं को प्रत्येक कालांश में अलग-अलग पढ़ाया जा सके और अन्य लेखा सम्बन्धी कार्य भी हो सकें। 30 छात्रों पर एक शिक्षक के अनुपात का भी ध्यान रखा जाएगा।
- माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रति विषय अलग-अलग शिक्षक और RTE के अनुसार शिक्षक-छात्र अनुपात का भी ध्यान रखा जाएगा। उच्च, व्यावसायिक, तकनीकी, प्रबंधकीय और चिकित्सकीय शिक्षा में शिक्षकों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित की जाएगी, सभी पदों को भरा जाएगा।
- शिक्षकों को BLO, चुनाव, जनगणना, पशुगणना, पंडित दीनदयाल मेला, आदि विभाग से अलग कार्यों से मुक्त रखा जाएगा, ताकि उन्हें शिक्षण कार्य के लिए पर्याप्त समय मिल सके|
- सम्यक पार्टी माध्यमिक स्तर तक की अनिवार्य शिक्षा लागू करेगी| शिक्षा प्राप्ति हेतु जागरूक करने हेतु सम्यक पार्टी संगठन की तरफ से और सरकार में होने पर गाँव और वार्ड स्तर पर स्थानीय जनप्रतिधियों के द्वारा सामुदायिक सभाओं की व्यवस्था की जाएगी|
- शिक्षा से रटंत पद्धति को हटाकर समझ के विकास को स्थान दिया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थान शोध और नवाचार और ने विचारों के केंद्र होते हैं, इन्हें उसी रूप में विकसित किया जाएगा। शिक्षा को नई टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा और सीधे तौर पर व्यावहारिक जीवन से जोड़ा जाएगा।
- जैसा कि सभी भर्तियों से साक्षात्कार को समाप्त कर केवल पारदर्शी लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती करना सम्यक पार्टी के एजेंडे में है, सभी स्तर के शिक्षकों की भर्ती केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होगी और भर्ती बोर्डों के सदस्यों में एक अनारक्षित, एक पिछड़ा, एक अति पिछड़ा, एक एससी, एक अति दलित और एक एसटी सदस्य रहेगा। इन्हीं में से कम से कम दो महिलाएं और कम से कम एक धार्मिक अल्पसंख्यक भी रहेगा।
- प्रत्येक विद्यालय में कक्षाओं और उनमें वर्गों के अनुसार शिक्षण कक्षों की व्यवस्था की जाएगी। आवश्यक शिक्षण सहायक सामग्री की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी।
- शिक्षकों को भवन निर्माण और मिड-डे-मील से अलग किया जाएगा, ताकि उच्चाधिकारी केवल शिक्षा हेतु शिक्षकों का पर्यवेक्षण कर सकें। भवन निर्माण और मिड-डे-मील में अवैध वसूली हेतु दबाव न बना सकें। मिड-डे-मील की धनराशि को अभिभावकों के खातों में सीधे भेजा जाएगा और इसके उपभोग का ध्यान रखा जाएगा|
- माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा सभी के लिए बिल्कुल मुफ्त रखी जाएगी। उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के लिए निर्धन वर्गों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी तथा आसान और सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध करवाए जाएंगे।
- सामान्य माध्यमिक शिक्षा के उपरांत अर्थात उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा में देश की मांग के अनुसार आपूर्ति अर्थात विभिन्न कोर्सों में सीटों की उपलब्धता रखी जाएगी।उच्च और व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों में प्रवेश कड़ी और पारदर्शी प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही लिया जाएगा।
- तकनीकी, व्यावसायिक और रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो सके|
- पाठ्यक्रम को वर्णवाद, आडम्बर, आदि से मुक्त किया जाएगा तथा विज्ञान और बहुसंख्यक समाज के महापुरुषों एवं इतिहास को बढ़ावा दिया जाएगा|
- सम्यक पार्टी का एजेंडा है कि जाति धर्म के उल्लेख पर प्रतिबंध लगेगा। शिक्षा के प्रत्येक क्षेत्र और स्तर पर जाति और धर्म का किसी भी प्रकार से उल्लेख अर्थात लिखने, पूछने, बताने पर प्रतिबंध होगा।
- अखिल भारतीय शिक्षा सेवा (IES) कैडर बनेगा जिसके माध्यम से शिक्षा व्यवस्था का संचालन किया जाएगा। शिक्षा की योजना बनाने और लागू करने वाले सचिव, कुलपति, विभिन्न स्तर के प्राचार्य, प्रोफेसर, आदि इसी परीक्षा के माध्यम से भर्ती किए जाएंगे।
- जैसा कि विभिन्न शिक्षा समितियों ने सुझाव दिया है, शिक्षा पर जीडीपी का 6% बजट खर्च किया जाएगा।
- जैसा कि जिला सरकार का गठन सम्यक पार्टी के एजेंडे में है, माध्यमिक स्तर तक की सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था जिले की सरकार देखेगी।
- शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने से अन्य क्षेत्रों, जैसे कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सुधार होगा क्योंकि इस क्षेत्र के कर्मचारी स्वास्थ्य केन्दों पर रुकने लगेंगें, और स्वयं लोग भी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होगें| कृषि क्षेत्र पर भार कम होगा क्योंकि लोग शिक्षित और कुशल होकर अन्य क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे| जनसँख्या वृद्धि कम होगी, शिक्षा प्राप्ति द्वारा माहिला सशक्तिकरण से लिंगानुपात में सुधार होगा| लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होंगे जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा|