स्वास्थ्य के सम्बन्ध में सम्यक पार्टी का दृष्टि पत्र

  1. स्वास्थ्य पर जीडीपी का 12% बजट खर्च किया जाएगा|
  2. हर गाँव में एक सरकारी क्लिनिक खोला जाएगा जिसमें एक चिकित्सक और एक सहायक की नियुक्ति होगी| चिकित्सक और सहायक विपरीत लिंगी होंगे ताकि परिवार नियोजन कार्यक्रम को चलाने में आसानी रहे और महिला-पुरुष दोनों को झिझक न लगे| हर गाँव में क्लिनिक की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि अभी लोगों को इलाज के लिए दूर जाना पड़ता है जिसके कारण एक दिन की मजदूरी की हानि होती है| हर ब्लॉक में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए, यदि नहीं है तो खोला जाएगा|
  3. गांवों में परिवहन व्यवस्था न होने के कारण महिलाएं इलाज के लिए अस्पताल तक जाने के लिए पुरुषों पर निर्भर होती हैं और पुरुष एक दिन की मजदूरी की हानि के कारण अस्पताल नहीं जाते हैं जिससे महिलाओं और साथ ही बच्चों और बुजुर्गों का स्वास्थ्य की अनदेखी होती है| या झोलाछाप से इलाज करवाने के कारण भविष्य में ज्यादा नुकसान होता है|हर गाँव में सरकारी क्लिनिक होने से इस समस्या का भी समाधान हो जाएगा|
  4. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के लिए आवास बने हुए हैं किन्तु वे अपना आवासीय भत्ता कटवाने के बावजूद रुकते नहीं हैं| इसका मुख्य कारण है, उनके बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव, गांवों की अशिक्षित और अर्धशिक्षित आम जनता से सामंजस्य ना बैठ पाना, बिजली की लगातार आपूर्ति न होना और कुछ अन्य सुविधाओं का अभाव|इन्हीं कारणों से स्वास्थ्य केन्द्रों, विशेष रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टर अनुपस्थित रहते हैं| साथ ही, दवाइयों के अभाव के कारणआम जनता इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाती ही नहीं है| कईयों को तो यह भी जानकारी नहीं होती है कि उनके आस-पास में स्वास्थ्य केंद्र भी है|शिक्षा के अतिरिक्त अन्य सुविधाओं, जैसे कि बिजली की लगातार आपूर्ति को सोलर पैनल और जनरेटर से पूरा किया जा सकता है| अतः सरकारी शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा| सामंजस्य न बैठने की समस्या के कारण कुछ वर्षों तक, जब तक गांवोंमें शिक्षा का प्रसार नहीं हो जाता है, डॉक्टरों और सहायक कर्मचारियों के लिए ब्लॉक मुख्यालय पर आवासीय कॉम्प्लेक्स बनाए जाएँगे जिनमें अन्य विभागों, जैसे कि शिक्षा और बैंक विभाग के अधिकारी और कर्मचारी रहेंगे| इन आवासीय कॉम्प्लेक्स में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक स्कूल, पार्क, बिजली की लगातार आपूर्ति, आदि सुविधाएँ होंगी| चूँकि इन सुविधाओं पर सबका हक़ है, अतः कुछ वर्षों बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही डॉक्टरों और सहायक कर्मचारियों के लिए रुकने का प्रावधान होगा| तब तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार गांवों में भी हो जाएगा|
  5. डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के सभी पद भरे जाएँगे और स्वास्थ्य उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी|स्वास्थ्य उपकरणों को देश में ही निर्मित किया जाएगा ताकि आयात पर हुए खर्च को बचाया जा सके|
  6. सभी के लिए प्राथमिक इलाज मुफ्त होगा| आगे के इलाज के लिए गरीबों का चिकित्सा बीमा किया जाएगा|
  7. न्यूनतम दवाओं की एक लिस्ट बनाई जाएगी जिसकी उपलब्धता स्वास्थ्य विभाग और सरकार पर भी बाध्यकारी होगी| इस लिस्ट को स्वास्थ्य केन्द्रों सहित व्यापक प्रसार किया जाएगा, ताकि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी दवाओं की अनुपलब्धता का बहाना न कर सकें और आम जनता (मरीज) डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर दवाओं को ब्लैक करने का आरोप न लगा सकें|
  8. देश के प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में चिकित्सा की पढाई शुरू की जाएगी|
  9. पूरे देश में UniformServiceBond लागू किया जाएगा|
  10. पूरे देश में MedicalProtectionAct लागू किया जाएगा|
  11. प्रत्येक जिले में एक ट्रामा सेंटर खोला जाएगा|
  12. विपस्सना, योग और आसन को बढ़ावा दिया जाएगा|
  13. जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और देश के पर्यावरण में सुधार किया जाएगा ताकि बीमारियां कम पनपें|
  14. आम जनता अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो, समुचित जीवन शैली अपनाए, समय से टीकाकरण कराए और बीमार होने पर समुचित रूप से इलाज कराए, इस सबके लिए पार्टी संगठन की तरफ से और सरकार में होने पर गावों और वार्डों के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सामुदायिक मीटिंगों की व्यवस्था की जाएगी|
  15. अखिल भारतीय चिकित्सा सेवा कैडर बनाया जाएगा, जिसमें आवेदन के लिए केवल चिकित्सा की डिग्रियां ही मान्य होंगी| इसी चिकित्सा सेवा कैडर से डॉक्टरों, स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों, चिकित्सा शिक्षा के संस्थानों के प्रमुखआदि की भर्ती की जाएगी और प्रमोशन द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय सचिव बनेंगे जो राज्यों और देश के लिए स्वास्थ्य नीतियों का निर्माण करेंगे|