- बहुसंख्यक समाज के विभिन्न पारंपरिक व्यवसायों के लिए अनुदान और सस्ती दरों पर ऋण की व्यवस्था की जाएगी और उन्हें आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे धीरे-धीरे भूमंडलीकरण से कम्पटीशन के योग्य बन सकें|
- कृषि को रोजगार का दर्जा दिया जाएगा और सहकारी कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि छोटी-छोटी जोत वाले कृषक आपस में मिलकरआधुनिक मशीनों का प्रयोग कर खेती कर सकें|
- कृषि प्रसंशकरण उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि कृषि पर जनसंख्या के अतिरिक्त भार को कम करने में मदद मिले|
- भारतीय कृषि सेवा (IAgS) कैडर बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से कृषि अधिकारी और कृषि सचिव बनाये जाएँगे ताकि किसानों के सशक्तिकरण के लिए समुचित नीतियां बन सकें|
- एमएसपी का विस्तार मुख्य फसलों के अतिरिक्त फूल, फल, सब्जी और बागवानी फसलों के लिए भी किया जाएगा|
- कृषि ऋण माफी के स्थान पर कृषि आगतों पर अनुदान दिया जाएगा, ताकि उत्पादन को बढ़ावा मिले|
- मैदानी क्षेत्रों में स्वच्छंद उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि मैदानी क्षेत्रों में भी रोजगार में वृद्धि हो सके|
- गुणवत्तापूर्ण तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि जनसँख्या को कृषि से अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जा सके और कृषि पर जनसंख्या के अतिरिक्त भार को कम किया जा सके|
- प्राइवेट सेक्टर के उद्योगों, व्यवसायों और सेवा क्षेत्रकी नौकरियों में लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती की व्यवस्था की जाएगी, ताकि पारदर्शी तरीके से भर्ती हो और योग्य व्यक्तियों का लाभ उद्योंगों/ व्यवसायों, समाज और राष्ट्र को मिल सके|
- लघु और कुटीर उद्योंगों को बढ़ावा दिया जाएगा क्योंकि यह अधिक श्रमिकों का नियोजन करते हैं|
- उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ें, लोग रोजगार खोजने वाले नहीं बल्कि रोजगार प्रदान करने वाले बन सकें|
- धन और पूंजी के अत्यधिक संकेन्द्रण को रोका जाएगा क्योंकि देश और विश्व में गरीबी का कारण संसाधनों की कमी नहीं, बल्कि उनका असमान वितरण है|
- सचिव स्तर सहित हर स्तर पर लेटरल एंट्री द्वारा भर्ती को बंद किया जाएगा, क्योंकि इस प्रक्रिया द्वारा भर्ती हुए लोग प्राइवेट क्षेत्र के अपने मालिक के प्रति वफादार होते हैं, न कि राष्ट्र के प्रति, क्योंकि उन्हें वापस वहीँ जाकर नौकरी करनी होती है|
- सभी भर्तियों में इंटरव्यू की व्यवस्था को ख़त्म करके केवल लिखित परीक्षा के आधार पर भर्तियाँ की जाएंगी|
- कानून व्यवस्था में सुधार किया जाएगा, ताकि उद्योगपति और व्यवसायी बिना भय के उद्योग लगा और चला सकें|
- उद्योगों का विकेंद्रीकरण किया जाएगा और भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में वहां से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा |
17.निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों में भी ईमानदारी से आरक्षण लागू किया जाएगा| - ओबीसी एससी एसटी को समान अवसर देने वाली औद्योगिक इकाइयों को कर छूट के द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा|
19.निजी क्षेत्र में रोजगार के मॉनिटरिंगके लिए एक सशक्त रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाएगी| - सरकारी रोजगार योजनाओं का युद्ध स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगाताकि लोगों को पता चल सके कि वह कौन सी रोजगार योजना के लिए पात्र हैं और वह उनका लाभ ले सकें|